Friday, January 16, 2015

''हमें क्‍या काम दुनिया से, मेरा श्रीकृष्‍ण प्‍यारा है।''


छोटे पहलवान इमारत के सामने बनी हुई फूलों की क्‍यारियों पर निगाह डालते रहे। जब प्रिंसिपल ने कहना शुरू किया था कि, ''बैद महाराज भी कभी-कभी ऐसा काम कर बैठते हैं कि क्‍या बताएं! क्‍या जरूरत थी इस चुनाव-उनाव की...?'' छोटे पहलवान ने एक कविता कही जो उन दिनों कीर्तन के रूप में काफी प्रचलित थी, ''हमें क्‍या काम दुनिया से, मेरा श्रीकृष्‍ण प्‍यारा है।'' 
(राग दरबारी)

छोटे पहलवान इमारत के सामने बनी हुई फूलों की क्‍यारियों पर निगाह डालते रहे। जब प्रिंसिपल ने कहना शुरू किया था कि, ''बैद महाराज भी कभी-कभी ऐसा काम कर बैठते हैं कि क्‍या बताएं! क्‍या जरूरत थी इस चुनाव-उनाव की...?'' छोटे पहलवान ने एक कविता कही जो उन दिनों कीर्तन के रूप में काफी प्रचलित थी, ''हमें क्‍या काम दुनिया से, मेरा श्रीकृष्‍ण प्‍यारा है।''   (राग दरबारी)

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